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विदेश जाते एक दोस्त से

widesh jate ek dost se

पराग पावन

पराग पावन

विदेश जाते एक दोस्त से

पराग पावन

और अधिकपराग पावन

    कोई पूछे तो साफ़-साफ़ मत कहना

    साफ़-साफ़ मत कहना कि

    यह देश अब बंदूक़ या परमाणु बम से नहीं मर सकता

    यह देश भात के अभाव में मर चुका है

    कि अब यहाँ गाँधी से अधिक

    उनकी लाठी प्रासंगिक है

    और तानसेन राजा के पादने को फ़िलवक़्त

    अद्भुत राग घोषित कर रहा है

    अब यहाँ कबीर चक्की के बरअक्स

    पहाड़ की महिमा जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं

    और कालिदास राजा की छींक के मुंतज़िर

    अब दुष्यंत बूढ़ा होकर मर जाता है

    पर शकुंतला, बावजूद बहुत मेहनत के याद नहीं आती

    कौटिल्य का अर्थशास्त्र सबसे निरीह पुस्तक है

    राजा का गणित अचूक है

    साफ़-साफ़ मत कहना किसी से

    कि जहाँ सर्वाधिक क्रूर व्यक्ति करुणा का तरफ़दार है

    सर्वाधिक हिंसक मनुष्य बुद्ध को अपना पट्टीदार बताता है

    और सर्वाधिक गोल अध्यापक

    सर्वाधिक सीधी रेखा का प्रमेय पढ़ाता है

    मैं उसी देश का बाशिंदा हूँ

    क्या हुआ जो यही सच है

    मेरे तुम्हारे देश का

    पर मत कहना साफ़-साफ़

    कि यहाँ सरकार लोगों के बारे में बहुत चिंतित है

    आजकल सरकार लोगों का हाथ काटकर

    कलाई घड़ी बाँट रही है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : पराग पावन
    • प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका

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