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मीना कुमारी

mina kumari

दिनेश कुशवाह

दिनेश कुशवाह

मीना कुमारी

दिनेश कुशवाह

बिस्तर पर जाते ही

किसी का माथा सहलाने के लिए

हुलसी हथेलियाँ

फफक पड़तीं इतनी

कि उसके चेहरे पर उभर आती थी कोख।

जलते बलुवे पर नंगे पैर

चली जा रही थी एक माँ

तलवों में कपड़ा लपेटे

जब हम उसे देख रहे थे अमराइयों में।

महुवा के पेड़ तले

अपने आँचल में बीनते हुए कुछ

शायद दुनिया का सबसे रस भरा फूल

उसके गाल खिल उठते थे

और साथ ही भर आती थीं आँखें।

यह क्या अल्लाह मियाँ?

मात्र आँसुओं की भीख के लिए ही

नहीं होते बड़री आँखों के कटोरे।

चाँदनी में सिर्फ़ चाँद-तारों से

बातें कर जी नहीं भरता

चाहिए ही चाहिए एक आदमी

अकेले आदमी का आसमान

कभी ख़त्म नहीं होता।

वर्जित फल खाया भी, नहीं भी

स्वर्ग में रही भी, नहीं भी

पर ज़िंदगी-भर चबाती रही धतूरे के बीज

और लोग कैंथ की तरह उसका कच्चापन

अपनी लाड़ली के लिए ही

रसूल ने भेजा था एक जानमाज़

मुट्ठी-भर खजूर और एक चटाई।

झुकी पलकें पलटकर लिखतीं

एक ऐसे महान अभिनय का शिलालेख

कि मन करता था चूम लें इसे

जैसे करोड़ों-करोड़ लोग चूमते हैं क़ाबे का पत्थर

या जैसे बच्चों को बेवजह चूम लेते हैं।

स्रोत :
  • पुस्तक : इसी काया में मोक्ष (पृष्ठ 90)
  • रचनाकार : दिनेश कुशवाह
  • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
  • संस्करण : 2013
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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