Font by Mehr Nastaliq Web

बच्चे धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं

bachche dharmyuddh laD rahe hain

अच्युतानंद मिश्र

अच्युतानंद मिश्र

बच्चे धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं

अच्युतानंद मिश्र

और अधिकअच्युतानंद मिश्र

    रोचक तथ्य

    इस कविता के लिए कवि को भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार प्राप्त हुआ।

     

    अमेरिकी युद्धों में मारे गए, यतीम और जिहादी बना दिए गए असंख्य बच्चों के नाम

    सच के छूने से पहले 
    झूठ ने निगल लिया उन्हें 

    नन्हें हाथ
    जिन्हें खिलौनों से उलझना था
    खेतों में बम के टुकड़े चुन रहे हैं

    वे हँसते हैं
    और एक सुलगता हुआ
    बम फूट जाता है

    कितनी सहज है मृत्यु यहाँ
    एक खिलौने की चाभी
    टूटने से भी अधिक सहज
    और जीवन, वह घूम रहा है
    एक पहाड़ से रेतीले विस्तार की तरफ़

    धूल उड़ रही है

    वे टेंट से बाहर निकलते हैं
    युद्ध का अठ्ठासिवाँ दिन
    और युद्ध की रफ़्तार
    इतनी धीमी इतनी सुस्त
    कि एक युग बीत गया

    अब थोड़े से बच्चे
    बचे रह गए हैं

    फिर भी युद्ध लड़ा जाएगा
    यह धर्मयुद्ध है

    बच्चे धर्म की तरफ़ हैं
    और वे युद्ध की तरफ़ 

    सब एक दूसरे को मार देंगे
    धर्म के ख़िलाफ़ खड़ा होगा युद्ध
    और सिर्फ़ युद्ध जीतेगा 

    लेकिन तब तक 
    सिर्फ़ रात है यहाँ 
    कभी-कभी चमक उठता है आकाश
    कभी-कभी रौशनी की एक फुहार 
    उनके बग़ल से गुज़र जाती है
    लेकिन रात और 
    पृथ्वी की सबसे भीषण रात 
    बारूद, बर्फ़ और कीचड़ से लिथड़ी रात 
    और मृत्यु की असंख्य चीख़ों से भरी रात  
    पीप, ख़ून और माँस के लोथड़ों वाली रात 
    अब आकार लेती है 

    वे दर्द और अंधकार से लौटते हैं 
    भूख की तरफ़

    भूख और सिर्फ़ भूख 
    बच्चे रोटी के टुकड़ों को नोच रहे हैं
    और वे इंसानी जिस्मों को
    कटी टाँगों वाली भूख
    ख़ून और पीप से लिथड़ी भूख

    एक मरियल सुबह का दरवाज़ा खुलता है 
    न कोई नींद में था
    न कोई जागने की कोशिश कर रहा है 

    टेंट के दरवाज़े
    युद्ध की पताकाओं की तरह लहराते हैं 
    हवा में बच्चे दौड़ रहे हैं 
    खेतों की तरफ़ 
    रात की बमबारी ने 
    कुछ नए बीज बोए हैं

    स्रोत :
    • रचनाकार : अच्युतानंद मिश्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए