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हम सभ तँ छी ने

hum sabh tan chhi ne

नीरजा रेणु

अन्य

अन्य

नीरजा रेणु

हम सभ तँ छी ने

नीरजा रेणु

और अधिकनीरजा रेणु

    गाममे

    भगवतीक चिनबार लग

    थरथराइत हाथें दाइक आँजुरसँ

    दूबि धान दैत खोँइछमे।

    विदा करैत कालक मुखमण्डलक करुणा

    भगवतीक आगाँ जरैत दीपक इजोतमे

    आब नहि भेटत, नहि भेटत।

    चलि गेलीह

    भगवती लग।

    विलीन भऽ गेलीह

    अपन माटिमे।

    आब बाबूक प्रतीक्षारत आँखि

    दलानपर

    नहि भेटत नहि भेटत।

    चल गेलाह

    अपन भगवान लग।

    कतऽ जायब?

    मुदा तैयो,

    दूनू गोटे

    पसारि देलनि

    भाइ भौजीक सिनेह

    भाइ सभ

    अइहब भौजी सहित

    घेरिक’ कहने रहथि

    हम सभ तँ छी ने!

    हरुआहीक बाटपर

    विलीन होइत

    आँखिक कोरसँ

    पुरनि, कमलफूल

    पुनः बजा रहल अछि कहैत—

    हम सभ तँ छी ने!

    माइक पसार सन कमलदह

    पिताक लगायल बाँसक बीट

    एखनो हमरा हकारि रहल अछि

    कहैये

    हम सभ तँ छी ने!

    स्रोत :
    • पुस्तक : आगत क्षण ले (पृष्ठ 17)
    • रचनाकार : नीरजा रेणु
    • प्रकाशन : श्री शेखर झा
    • संस्करण : 1997

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