कवि ने तुम्हें पारधी होने से बचाया है
kawi ne tumhein paradhi hone se bachaya hai
अमिताभ चौधरी
Amitabh Choudhary
कवि ने तुम्हें पारधी होने से बचाया है
kawi ne tumhein paradhi hone se bachaya hai
Amitabh Choudhary
अमिताभ चौधरी
और अधिकअमिताभ चौधरी
चिड़िया की उड़ान वहीं तक नहीं है;
साँझ होते
जहाँ से वह लौट आई है।
यद्यपि, चिड़िया आकाश की ओर से
तारे चुगकर नहीं लाई।
भले तुम्हें आश्चर्य न हो—
कि, चिड़िया का चुग्गा तुम्हारी मुट्ठी में है—
किंतु, एक कवि ने उसे आकाश में उगाकर
तारों को इतना चमकीला बनाया है।
तुम कल्पना कर सकते हो—कि,
प्रेम में असफल होने के समय
एक कवि ने तुम्हें पारधी होने से बचाया है।
- रचनाकार : अमिताभ चौधरी
- प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका
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