अविस्मरणीय है वह सब जो हमें घेरे है
awismarnaiy hai wo sab jo hamein ghere hai
गोविंद द्विवेदी
Govind Dwivedi
अविस्मरणीय है वह सब जो हमें घेरे है
awismarnaiy hai wo sab jo hamein ghere hai
Govind Dwivedi
गोविंद द्विवेदी
और अधिकगोविंद द्विवेदी
रोशनी या हवा जो पत्तों पर संगीत लिखती है या
वह चिड़िया जो पुष्पित वसंत के आस्वाद में मग्न
लौटती है सुवासित पंखों से शाम को चीरती हुई या
वह शिला जो अगणित दिनों और रातों के संस्पर्श को सँजोए
ताकती है आकाश की प्रशमित सदिच्छा जो
आकारों द्वारा छोड़ी गई किसी भी जगह को
ख़ाली होने से बचाती है
ठीक स्मृति की तरह
जो अकेलेपन की शत्रु है
- रचनाकार : गोविंद द्विवेदी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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