Font by Mehr Nastaliq Web

ओ मेरे अपने देश

o mere apne desh

अनुवाद : नवारुण वर्मा

लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ

लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ

ओ मेरे अपने देश

लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ

मेरे अपने देश

मेरे सुहाने देश

मधुमय ऐसे, फलमय ऐसे

ऐसे प्यारे देश!

मेरी मधुभरी बोली

असम की सुधासनी बोली

ज़िंदगी भर दें जो न्यौछावर

जग में कहाँ मिलेगी अनमोली?

मेरी जन्मभूमि

मेरी असम-जननी

देखूँ तो माँ, मुख तुम्हारा

तुम्हें देखने का आग्रह मेरा

अब तक भी तो मिटा नहीं।

स्रोत :
  • पुस्तक : बेजबरुआ की चुनी हुई रचनाएँ (पृष्ठ 10)
  • रचनाकार : बेजबरुआ
  • प्रकाशन : राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत
  • संस्करण : 2008

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY