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काहिरा की एक गली

Kahira ki ek gali

अनुवाद : देवेश पथ सारिया

अशरफ़ अबूल-याज़िद

अशरफ़ अबूल-याज़िद

काहिरा की एक गली

अशरफ़ अबूल-याज़िद

और अधिकअशरफ़ अबूल-याज़िद


    वह आदमी जो घर लौटा है,
    थोड़े से अंतराल के लिए,
    उसके पास केवल दो दिन हैं :
    एक दिन उसके आने का,
    और एक दिन प्रस्थान की तैयारी का।
    एक दिन उस स्त्री को देखकर रोने का,
    और एक दिन उसकी विदाई पर स्त्री के रोने का।
    एक दिन दोस्तों से गले मिलने का,
    और एक दिन उनकी मृगतृष्णा से गले मिलने का।
    एक दिन उन्हें युद्ध के बारे में बताने का,
    और एक दिन उनसे युद्ध के शिकार लोगों के बारे में जानने का।
    एक दिन जीवन का,
    और एक दिन शाश्वत मृत्यु का।
    वह आदमी जो घर लौटा है,
    थोड़े से अंतराल के लिए, याद करता है :
    जब युद्ध शुरू हुआ था,
    उन्होंने उसकी आँखों पर निशाने रख दिए थे,
    और उसके मुँह को
    टैंक की नोंक से बंद कर दिया था,
    और कैसे वह मर गया था
    बारूद की गंध सूँघ पाने से भी पहले।

    वह आदमी जो घर लौटा है,
    थोड़े से अंतराल के लिए,
    उसका स्वागत करती है
    काहिरा की एक गली,
    और दो फ़ुटपाथ,
    वह उन दोनों के बीच के दायरे में
    बिखेर देता है अपनी निर्वासित देह,
    गिनता हुआ
    हारे हुए युद्धों में जलाए हुए काग़ज़ात,
    बिजली के खंभों के नीचे आग में।

    वह आदमी जो घर लौटा है,
    थोड़े से अंतराल के लिए,
    उस गली की तरह है,
    जिसमें दु:ख का मोर्चा निकल रहा है,
    केवल दर्द के निशान छोड़ता हुआ।
    काहिरा की
    दो हज़ार सालों से सुनसान एक गली,
    सूखे पेड़ों और लोगों से भरी हुई,
    कीचड़ और हड्डियों से भरी हुई,
    मानो जीवन दिखता हुआ मृत्यु की तरह!
    वह आदमी जो घर लौटा है,
    थोड़े से अंतराल के लिए,
    काहिरा की एक गली है केवल
    जिसकी बालकनियाँ हैं निराशा से भरी हुई,
    उसके भीतर नाचती हैं हारी हुई लड़ाइयाँ
    उसके पैर ख़ून में डूबे हुए,
    और उसके दिल में सोई हैं वे लाशें
    जिन्होंने ख़बरों में अपनी भूमिका अदा कर दी है।

    वह आदमी जो घर लौटा है,
    थोड़े से अंतराल के लिए,
    एक दृश्य की तलाश में है,
    दोनों शहरों के बीच फैला हुआ एक हाथ,
    जिस पर उकेरी हुई रेखाएँ दर्शाती हैं,
    रेत और आँधी से बने हुए साल।
    वह आदमी जो घर लौटा है,
    अपने छोटे से ठहराव के दौरान, पूछता है :
    कितने और अंतिम युद्ध पर्याप्त होंगें?

           
    स्रोत :
    • रचनाकार : अशरफ़ अबूल-याज़िद
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए अनुवादक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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