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आनंदगान

anandgan

अनुवाद : रति सक्सेना

बालमणि अम्मा

बालमणि अम्मा

आनंदगान

बालमणि अम्मा

और अधिकबालमणि अम्मा

    इन बर्फ़ से ढकी पहाड़ियों के साथ

    आकाश की ऊँचाई को एड़ी उचकाकर देखती

    गरजती जलधारा के साथ

    रास्तों की बाधाओं को भेदकर बहती

    ताप सहने वाले पेड़ों के साथ मिलकर

    नीचे ठंडी छाया फैलाने की कोशिश करती

    अनगिनत जीवों के साथ मिलकर

    आसमान की रोशनी की चुस्की ले मदमस्त होती

    हरियाली की प्रशांति के ऊपर

    पंछी सा उड़ती और चहचहाती

    इच्छित भावनाओं की परंपरा के साथ

    इन्द्रियों के इस गाँव में नर्तन करती

    आसमान और ज़मीं से एकीकार होती

    यह मैं हूँ या शाश्वत आनंद?

    स्रोत :
    • पुस्तक : नैवेद्य (निवेद्यम्) (पृष्ठ 261)
    • रचनाकार : बालमणि अम्मा
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 1996

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