अगर आप जिसके ख़िलाफ़ कविता लिखें
और वही उस कविता की लोगों से करने लगे तारीफ़
तो आपका क्या होगा,
आप उसका करेंगे क्या
तो उसको आप कहेंगे क्या
महामानव, महाकारुणिक या क्या
अगर आप किसी के अन्याय से तंग हो उसकी हत्या करना चाहें
और वह आप की ही प्रशंसा करने लगे
आपके विरोध को जो आपके सामने ही
प्रेमजाल में बाँधकर उसका वध कर डाले
अत्याचारी के अत्याचार के ख़िलाफ़ आपमें उपजी घृणा और
प्रतिरोध को चूस जाए
आपके नकार को आप ही के ख़िलाफ़ कर दे,
जिसके ख़िलाफ़ आप लिखते हैं पर्चा
और यह पर्चा वह अपनी तारीफ़ में यूज़ कर ले
क्या करेंगे ऐसों का, कवि जी क्या करेंगे
जब पजाने के लिए न हो कोई पाट
तो अपने विचारों को कैसे तीक्ष्ण करेंगे
प्रतिरोध की कौन-सी नई राह चुनेंगे
- पुस्तक : तुमड़ी के शब्द (पृष्ठ 26)
- रचनाकार : बद्री नारायण
- प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
- संस्करण : 2019
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