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बचपन के हमरा याद

bachpan ke hamra yaad

मनोज भावुक

अन्य

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मनोज भावुक

बचपन के हमरा याद

मनोज भावुक

और अधिकमनोज भावुक

    बचपन के हमरा याद के दरपन कहाँ गइल

    माई रे, अपना घर के आँगन कहाँ गइल

    खुशबू भरल सनेह के उपवन कहाँ गइल

    भउजी हो, तहरा गाँव के मधुवन कहाँ गइल

    खुलके मिले-जुले के लकम अब ना रहल

    विश्वास, नेह, प्रेम-भरल मन कहाँ गइल

    हर बात पर जे रोज कहे दोस्त हम हईं

    हमके डुबाके आज आपन कहाँ गइल

    बरिसत रहे जे आँख से हमरा बदे कबो

    आखिर इंतजार के सावन कहाँ गइल

    स्रोत :
    • रचनाकार : मनोज भावुक
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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