Font by Mehr Nastaliq Web

भोजपुरी लोकगीत : आगाड़ी जाइके, अहवें, भजबि भगवान

bhojapuri lokgit ha agaDi jaike, ahwen, bhajabi bhagwan

रोचक तथ्य

संदर्भ—पश्चात्ताप।

आगाड़ी जाइके, अहवें, भजबि भगवान।।टेक।।

अइले सिपाही भइले सफेदा, भूलि गइले गुरुग्यान।

बालापन हम खेलि गँववली, भूलि गइले गुरु ग्यान।।1।।

भइल जवानी मऊगी संग सुतली, भूलि गइले गुरु ग्यान।

बूढ़ भइले तन काँपे लागल, जम अंगुरी बुझावता रे सान।।2।।

मैंने सोचा था कि आगे चलकर ईश्वर का भजन करूँगा, किंतु ऐसा नहीं कर सका। सारा जीवन व्यर्थ बीत गया।

जब यमराज के सिपाही गए तो भयवश मेरा शरीर सफ़ेद पड़ गया। और गुरुजी का दिया हुआ ज्ञान भूल गया। बचपन मैंने खेल में बिता दिया, गुरु का ज्ञान भूल गया कि ईश्वर का स्मरण करते रहना चाहिए।।1।।

जवानी आई तो स्त्री के साथ सोया और गुरु का उपदेश भूल गया। जब वृद्ध हुआ तो शरीर काँपने लगा और यमराज अंगुली के संकेत से सावधान करने लगा।।3।।

स्रोत :
  • पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 133)
  • संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
  • प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
  • संस्करण : 2002

संबंधित विषय

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए