भोजपुरी लोकगीत : आहो रामा, चढ़ले चइतवा, राम जनमले हो रामा
bhojapuri lokgit ha aaho rama, chaDhle chaitwa, ram janamle ho rama
रोचक तथ्य
संदर्भ—राम का जन्मोत्सव।
आहो रामा, चढ़ले चइतवा, राम जनमले हो रामा।
घरे घरे बाजेला अनन बधइया हो रामा।।1।।
घरे घरे०।
आहो रामा, केहुरे लुटावेला, अनधन सोनवा हो रामा।
आहो रामा, केहु रे लुटावेला, सोने के मुँदरिया हो रामा।
आहो रामा, केहुरे लुटावेला, रतन पदारथ हो रामा।।2।।
घरे घरे०।
आहो रामा, दसरथ लुटावेले, अन धन सोनवा हो रामा।
आहो रामा, कैकेई लुटावेले, सोने के मुँदरिया हो रामा।
आहो रामा, कौसिला लुटावेली, रतन पदारथ हो रामा।।3।।
घरे घरे०।
कोई सखी उत्साह और उल्लासपूर्वक बता रही है—चैत आ गया। राम ने
जन्म लिया। इस अवसर पर घर-घर आनंद-बधाई बज रही है।।1।।
कोई अन्न, धन और सोना लुटा रहा है। कोई सोने अँगूठी की लुटा रहा है। कोई रत्न और बहुमूल्य पदार्थ लुटा रहा है।।2।।
राजा दशरथ अन्न-धन और सोना लुटा रहे हैं। रानी कैकेई सोने की अँगूठी और रानी कौशल्या रत्न और बहुमूल्य पदार्थ लुटा रही हैं।।3।।
- पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 106)
- संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
- प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
- संस्करण : 2002
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