दादा राधा-राधा कहकर
dada radha radha kahkar
दादा राधा-राधा कहकर, सदा आसरा गहकर।
हर-हर साध आराधय धाकर, दागर सागर लहकर।
कगर काट कलकर-कलकर कर, कलकर दारिद दहकर।
गा गा अह गह अधर धरा धर, लाला लख अस कहकर॥
- पुस्तक : बुंदेलखंड की फागें (पृष्ठ 101)
- संपादक : अयोध्या प्रसाद गुप्त 'कुमुद'
- रचनाकार : सेठ भोगीलाल ‘लाला’
- प्रकाशन : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी
- संस्करण : 2000
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