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कानपुर के रचनाकार

कुल: 24

समादृत कथाकार-इतिहासकार। 'अकार' के संपादक।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से संबद्ध प्रखर पत्रकार, लेखक और सुधारवादी नेता। ‘प्रताप’ पत्रिका का संपादन।

समादृत उपन्यासकार, कथाकार और नाटककार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

रीतिकाल के अंतिम प्रसिद्ध कवि। भाव-मूर्ति-विधायिनी कल्पना और लाक्षणिकता में बेजोड़। भावों की कल्पना और भाषा की अनेकरूपता में सिद्धहस्त कवि।

द्विवेदीयुगीन कवि, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी। पद्मभूषण से सम्मानित।

चर्चित कवि-आलोचक और अनुवादक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित। जन संस्कृति मंच से संबद्ध।

शुक्ल युग में सामने आए प्रमुख एकांकीकार, आलोचक और चिंतक।

हिन्दी के पहले राष्ट्रीय कवि। बाल साहित्य के रचनाकार। काव्य में राष्ट्रीयता और देशप्रेम का स्वर ओजपूर्ण। 'पूजागीत', 'विषपान', 'वासंती', 'चित्रा', 'भैरवी' आदि प्रमुख रचनाएँ। 'अधिकार' और 'बाल सखा' जैसी पत्रिकाओं के संपादक।

सुपरिचित गीतकार। 'भीड़ में बाँसुरी' और 'अक्षरों की कोख से' शीर्षक दो गीत-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी की सुपरिचित कवयित्री।

सुपरिचित कवि। आधुनिक कविता में परंपरा-बोध और लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।

द्विवेदी युग के कवि। राष्ट्रप्रेम की कविताओं के लिए प्रसिद्ध।

आधुनिक खड़ी बोली के प्रारंभिक कवियों में से एक। बहुभाषी। 'गर्भरंडा रहस्य' नामक कृति से चर्चित।

भारतेंदु युग के महत्त्वपूर्ण कवि, गद्यकार और संपादक। 'ब्राह्मण' पत्रिका से चर्चित।

सुपरिचित कवयित्री।

रीतिकाल और आधुनिक काल की संधि रेखा पर स्थित अलक्षित कवि।

सुपरिचित लेखिका। चार पुस्तकें प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

‘एक ख़त जो किसी ने लिखा भी नहीं’ शीर्षक गीत के सुपरिचित गीतकार। कवि-सम्मेलनों में लोकप्रिय रहे।

नई पीढ़ी के कवि। गद्य-लेखन में भी सक्रिय।

नई पीढ़ी के लेखक।

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