ग़ाज़ीपुर के रचनाकार

कुल: 8

समादृत कवि-कथाकार और पटकथा-लेखक। ‘आधा गाँव’ और ‘टोपी शुक्ला’ सरीखे उपन्यासों के लिए स्मरणीय।

सूफ़ी संत। शाह निज़ामुद्दीन चिश्ती की शिष्य परंपरा में 'हाजी बाबा' के शिष्य। भाषा में अवधी के साथ अरबी-फ़ारसी की शब्दावली का प्रयोग।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक और अनुवादक।

संत यारी के शिष्य और गुलाल साहब और संत जगजीवन के गुरु। सुरत शब्द अभ्यासी सरल चित्त संतकवि।

रीतिकालीन निर्गुण संतकवि और संत बुल्ला साहब के प्रधान शिष्य। वाणियों की मुख्य विषय-वस्तु अध्यात्म, प्रेम और शांति की कामना।

शिवनारायणी संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणियों में स्वावलंबन और स्वानुभूति पर विशेष ज़ोर। भोजपुरी भाषा का सरस प्रयोग।

सरल भाषा में देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना को अभिव्यक्त करने वाली भारतेंदु युगीन कवयित्री।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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