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रचनाकार

कुल: 1694

समादृत आलोचक, निबंधकार, साहित्य-इतिहासकार, कोशकार और अनुवादक। हिंदी साहित्य के इतिहास और आलोचना को व्यवस्थित रूप प्रदान करने के लिए प्रतिष्ठित।

समादृत कवि-कथाकार-अनुवादक और संपादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

समादृत फ्रेंच दार्शनिक और लेखक। विसंगतिवाद में योगदान। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

महान उर्दू शायर एवं पाकिस्तान के राष्ट्र-क़वि जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ' के अतिरिक्त 'लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी' जैसे गीत की रचना की

सूफ़ी संत, संगीतकार, इतिहासकार और भाषाविद। हज़रत निज़ामुद्दीन के शिष्य और खड़ी बोली हिंदी के पहले कवि। ‘हिंदवी’ शब्द के पुरस्कर्ता।

पंजाबी की लोकप्रिय कवयित्री-लेखिका। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

स्पैनिश भाषा के विश्व-विख्यात कवि।

सुप्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी।

हिंदी-संस्कृत के विद्वान्, साहित्य-इतिहासकार, निबंधकार और समालोचक। हिंदी में संस्कृत साहित्य पर चिंतन के लिए उल्लेखनीय।

भारतेंदुयुगीन प्रमुख निबंधकार, गद्यकार और पत्रकार। गद्य-कविता के जनक और ‘प्रदीप’ पत्रिका के संपादक के रूप में समादृत।

भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।

रीतिबद्ध के आचार्य कवि। काव्यांग-निरूपण में सिरमौर। शृंगार-निरूपण के अतिरिक्त नीति-निरूपण के लिए भी उल्लेखनीय।

रीतिसिद्ध कवि। ‘सतसई’ से चर्चित। कल्पना की मधुरता, अलंकार योजना और सुंदर भाव-व्यंजना के लिए स्मरणीय।

नॉर्वेजियन लेखक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

बोधा

1767 - 1806

रीतिमुक्त काव्य-धारा के कवि। प्रेम-मार्ग के निरूपण और ‘प्रेम की पीर’ की व्यंजना में निपुण।

समादृत रूसी कवि-लेखक-अनुवादक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के प्रथम महाकवि। वीरगाथा काल से संबद्ध। ‘पृथ्वीराज रासो’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।

सशक्त गद्यकार और चिंतक। 'उसने कहा था' जैसी कालजयी कहानी के रचनाकार। 'समालोचक' पत्रिका के संपादक और नागरी प्रचारिणी सभा के संपादकों में से एक। पांडित्यपूर्ण हास और अर्थ वक्र शैली के लिए विख्यात।

समादृत उपन्यासकार और कथाकार। ऐतिहासिक प्रसंगों के प्रयोग के लिए उल्लेखनीय।

रीतिकाव्य की अखंड परंपरा के आरंभिक कवि। ललित-सानुप्रास भाषा और मनोहर वर्णन प्रणाली का निर्वहन करने वाले कवि के रूप में ख्यात।

भक्तिकाल के निर्गुण संत। दादूपंथ के संस्थापक। ग़रीबदास, सुंदरदास, रज्जब और बखना के गुरु। राजस्थान के कबीर।

देव

1696 - 1773

रीतिबद्ध काव्य के आचार्य कवि। अनेक राजाओं के राज्याश्रित। कविता में अर्थ-सौष्ठव और नवोन्मेष को साधने वाले प्रतिभा-पुंज।

सुचर्चित गीतकार। आधुनिक हिंदी कविता के पहले दलित कवि। प्रारंभिक गीत, रचनाएँ और पुस्तकें देवेंद्र कुमार के नाम से प्रकाशित और प्रशंसित।

हिंदी के सुपरिचित कवि-लेखक। काव्य-वैविध्य और प्रयोगों के लिए विशेष उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

धूमिल

1936 - 1975

‘अकविता’ आंदोलन के समय उभरे हिंदी के चर्चित कवि। मरणोपरांत साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

कोलंबियाई उपन्यासकार, लघु-कथा लेखक, पटकथा लेखक और पत्रकार।

आधुनिक हिंदी कविता के अग्रणी कवियों में से एक। अपनी कहानियों और डायरी के लिए भी प्रसिद्ध।

रीतिकालीन काव्य-धारा के महत्त्वपूर्ण कवि। रीतिमुक्त कवियों में से एक। आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा ‘साक्षात् रसमूर्ति’ की उपमा से विभूषित।

सातवें दशक की प्रगतिशील धारा के प्रमुख कथाकार। ‘पहल’ पत्रिका के संपादक के रूप में समादृत।

समादृत समालोचक, निबंधकार, उपन्यासकार और साहित्य-इतिहासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत लेखक-व्यंग्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

‘मधुशाला’ के लिए मशहूर समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

प्रसिद्ध जैन कवि-वैयाकरण। अनुमानित समय : 1088 ई. से 1179 ई. तक। ‘कलिकाल सर्वज्ञ’ और ‘अपभ्रंश के पाणिनि’ कहे गए।

हेनरी मातीस (31 दिसम्बर 1869 - 3 नवंबर 1954) संसार प्रसिद्ध एक फ्रांसीसी कलाकार थे। वे रंग, तरल पदार्थों के प्रयोगों और अपनी सुंदरतम चित्रकला के लिए विख्यात थे। वह एक ड्राफ्ट्समैन, प्रिंटमेकर और मूर्तिकार थे, लेकिन मुख्य रूप से एक चित्रकार के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दशकों में दृश्य कला में क्रांतिकारी विकास को परिभाषित करने में मदद की, चित्रकला और मूर्तिकला में महत्वपूर्ण विकास के लिए जिम्मेदार थे।

सुप्रसिद्ध यहूदी-अमेरिकी लेखक, यिडिश भाषा के प्रमुख साहित्यकार। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार और नाटककार।

फ्रेंच कवि, लेखक, नाटककार, फिल्म निर्देशक।

अमेरिकी कलाकार।

समादृत फ्रेंच लेखक, समालोचक, सामाजिक-राजनीतिक अभिकर्ता और अस्तित्ववादी दार्शनिक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित, लेकिन इसे अस्वीकृत किया।

ब्रिटिश लेखक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

कबीर

1398 - 1518

मध्यकालीन भक्ति-साहित्य की निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और विद्रोही संत-कवि।

भक्तिकाल और रीतिकाल के संधि कवि। काव्यांग निरूपण, उक्ति-वैचित्र्य और अलंकारप्रियता के लिए स्मरणीय। काव्य- संसार में ‘कठिन काव्य के प्रेत’ के रूप में प्रसिद्ध।

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