योगेंद्रनाथ सिंह के यात्रा वृत्तांत
'सेल्सवर्ग' में सात रोज़
सेल्सवर्ग के लिए कहा जाता है कि यहाँ जैसे नाटक समस्त यूरोप में नहीं खेले जाते! यहाँ की नाट्यशाला एक महान् अट्टालिका है। इसमें हज़ारों नर-नारियों का सहज समावेश हो जाता है। एक 'मठ' की पृष्ठभूमि का विस्तृत प्रांगण नाट्यस्थल धना लिया गया है। अभी यहाँ प्रति