किरमिच की गेंद
गर्मी की छुट्टियाँ थीं। दुपहर के समय दिनेश घर में बैठा कोई कहानी पढ़ रहा था। तभी पेड़ के पत्तों को हिलाती हुई कोई वस्तु धम से घर के पीछे वाले बग़ीचे में गिरी। दिनेश आवाज़ से पहचान गया कि वह वस्तु क्या हो सकती है। वह एकदम से उठकर बरामदे की चिक सरका कर