सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
दिन के बारह बजे जब संतरी बदल गए तो नए संतरियों ने बहुत ध्यान से फाँसी घर की कोठरियों को देखा। ताले देखे, जंगले देखे, फिर क़ैदियों की तरफ़ देखा।
एक कोठरी ख़ाली थी।
बाक़ी तीन कोठरियों मे तीन फाँसी वाले बंद थे। पर उन में से किसी ने भी आज खाना नहीं खाया