गोपालराम गहमरी के संस्मरण
पंडित प्रतापनारायण मिश्र की स्मृति में
स्व. भारतेंदु के समकक्ष कवि जिन पं. प्रतापनारायण मिश्र का संस्मरण लिख रहा हूँ वे जब मुझे चिट्ठी भेजते थे तब मोटो की तरह ऊपर "खुदादारमचेगमदारंभ" यह वाक्य लिखा करते थे। मिश्र जी उन्नाव जिले के बेल्थर गाँव के रहने वाले थे। बाद को कानपुर में आए। उनके