आलम शाह ख़ान का परिचय
आलम शाह खान का जन्म 31 मार्च 1936 को उदयपुर में हुआ था।
उन्होंने हिंदी साहित्य में परास्नातक और उन्नीसवीं सदी की काव्य-कृति ‘वंशभास्कर’ से संबंधित विषय पर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इसके अलावा उन्होंने ‘मीरा: एक लोकतत्विक अध्ययन’ नामक पुस्तक लिखी।
प्रोफ़ेसर आलम शाह खान मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे। ‘मीरा चेयर’ के अंतर्गत भी वे प्रोफ़ेसर और आर्ट्स कॉलेज के डीन रहे, जिसे पहले कॉलेज ऑफ़ सोशल साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज कहा जाता था। राजस्थान सरकार के मानवाधिकार आयोग के सदस्य के रूप में भी उन्होंने कार्य किया।
वे अपनी प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। वे अपनी प्रतिनिधि पहचान लेखक के रूप में ही मानते थे, और जब किसी ने उन्हें अपनी धार्मिक पहचान से जोड़ने की कोशिश की तो उन्हें दुख हुआ।
उन्हें राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा रांगेय राघव पुरस्कार और विशिष्ट साहित्यकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
17 मई, 2003 को आलमशाह खान का निधन हो गया।
रचनाएँ:
कहानी संग्रह:
परायी प्यास का सुख
किराये की कोख
एक और सीता
एक गधे की जन्मकुंडली
साँसों का रेवड़