चिताणी अपने में
जब मैंने इस दुनिया में आँखें खोली अर्थात गाँव चिताणी, ज़िला नागौर, राजस्थान तब वहाँ सब मेरी जाति के ही लोग थे। उन्हीं से लड़ते-भिड़ते प्रेम-प्यार करते हुए बड़ा हुआ। उस समय लगता था कि इस पवित्र भारतभूमि में सिर्फ़ जाट ही जाट रहते हैं। शेष जातिवाले तो थोड़े