
मुझे लगता है कि मैं हमेशा लिखती रहती थी। यह बकवास भी था। लेकिन कुछ भी न लिखने से बेहतर है कि बकवास या कुछ भी लिखा जाए।
मुझे लगता है कि मैं हमेशा लिखती रहती थी। यह बकवास भी था। लेकिन कुछ भी न लिखने से बेहतर है कि बकवास या कुछ भी लिखा जाए।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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