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बच्चे पर ग़ज़लें

हिंदी के कई कवियों ने

बच्चों के वर्तमान को संसार के भविष्य के लिए समझने की कोशिश की है। प्रस्तुत चयन में ऐसे ही कवियों की कविताएँ संकलित हैं। इन कविताओं में बाल-मन और स्वप्न उपस्थित है।

रुबाइयाँ (एन.सी. ई.आर.टी)

फ़िराक़ गोरखपुरी

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