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कहानियाँ

कहानी गद्य की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। यह मानव-सभ्यता के आरंभ से ही किसी न किसी रूप में विद्यमान रही है। भारतीय परंपरा में इसका मूल ‘कथा’ में है। आधुनिक संदर्भों में इसका अभिप्राय अँग्रेज़ी के ‘शॉर्ट स्टोरी मूवमेंट’ से प्रभावित कहानी-परंपरा से है। इसका मुख्य गुण यथार्थवादी दृष्टिकोण है। हिंदी में कहानी का आरंभ अनूदित कहानियों से हुआ, फिर ‘सरस्वती’ पत्रिका के प्रकाशन के साथ मौलिक कहानियों का प्रसार बढ़ा। हिंदी कहानी के विकास में प्रेमचंद का अप्रतिम योगदान माना जाता है। प्रेमचंदोत्तर युग में जैनेंद्र, यशपाल सरीखे कहानीकारों ने नई परंपराओं का विस्तार किया। स्वातंत्र्योत्तर युग में नए वादों, विमर्शों और आंदोलन के साथ हिंदी कहानी और समृद्ध हुई।

1870 -1916

सुप्रसिद्ध ब्रिटिश कथाकार-नाटककार। तीक्ष्ण व्यंग्य और रहस्यपूर्ण लेखन-शैली के लिए उल्लेखनीय।

1867 -1922

ऑस्ट्रेलिया के महानतम कथाकार के रूप में समादृत। बुश पोएट्री और बैलेड के लिए भी उल्लेखनीय।

1887 -1962

सुप्रसिद्ध जर्मन-स्विस कवि, उपन्यासकार और चित्रकार। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

1948

चर्चित कथाकार।

1924 -1995

समादृत लेखक-व्यंग्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

Rekhta Gujarati Utsav I Vadodara - 5th Jan 25 I Mumbai - 11th Jan 25 I Bhavnagar - 19th Jan 25

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