कहानियाँ
कहानी गद्य की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। यह मानव-सभ्यता के आरंभ से ही किसी न किसी रूप में विद्यमान रही है। भारतीय परंपरा में इसका मूल ‘कथा’ में है। आधुनिक संदर्भों में इसका अभिप्राय अँग्रेज़ी के ‘शॉर्ट स्टोरी मूवमेंट’ से प्रभावित कहानी-परंपरा से है। इसका मुख्य गुण यथार्थवादी दृष्टिकोण है। हिंदी में कहानी का आरंभ अनूदित कहानियों से हुआ, फिर ‘सरस्वती’ पत्रिका के प्रकाशन के साथ मौलिक कहानियों का प्रसार बढ़ा। हिंदी कहानी के विकास में प्रेमचंद का अप्रतिम योगदान माना जाता है। प्रेमचंदोत्तर युग में जैनेंद्र, यशपाल सरीखे कहानीकारों ने नई परंपराओं का विस्तार किया। स्वातंत्र्योत्तर युग में नए वादों, विमर्शों और आंदोलन के साथ हिंदी कहानी और समृद्ध हुई।
न्यूज़ीलैंड की सुप्रसिद्ध कवयित्री, कथाकार और समालोचक। आधुनिकतावादी आंदोलन में योगदान के लिए उल्लेखनीय।
द्विवेदीयुगीन निबंधकार और अनुरचनाकर। विदेशी व्यक्तित्वों के जीवनी-लेखक के रूप में भी योगदान।
सुप्रसिद्ध चेक लेखक, नाटककार, समालोचक और पत्रकार। 'साइंस फ़िक्शन' लेखन के लिए उल्लेखनीय।
द्विवेदी युग के प्रमुख गद्यकार। ऐतिहासिक उपन्यास लेखन के प्रवर्तक के रूप में उल्लेखनीय।
सुपरिचित ब्रिटिश कथाकार-उपन्यासकार और स्तंभकार। विभिन्न प्रसिद्ध ब्रिटिश टेली-सीरीज़ के लिए लेखन।