कहानियाँ
कहानी गद्य की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। यह मानव-सभ्यता के आरंभ से ही किसी न किसी रूप में विद्यमान रही है। भारतीय परंपरा में इसका मूल ‘कथा’ में है। आधुनिक संदर्भों में इसका अभिप्राय अँग्रेज़ी के ‘शॉर्ट स्टोरी मूवमेंट’ से प्रभावित कहानी-परंपरा से है। इसका मुख्य गुण यथार्थवादी दृष्टिकोण है। हिंदी में कहानी का आरंभ अनूदित कहानियों से हुआ, फिर ‘सरस्वती’ पत्रिका के प्रकाशन के साथ मौलिक कहानियों का प्रसार बढ़ा। हिंदी कहानी के विकास में प्रेमचंद का अप्रतिम योगदान माना जाता है। प्रेमचंदोत्तर युग में जैनेंद्र, यशपाल सरीखे कहानीकारों ने नई परंपराओं का विस्तार किया। स्वातंत्र्योत्तर युग में नए वादों, विमर्शों और आंदोलन के साथ हिंदी कहानी और समृद्ध हुई।
नवें दशक में सामने आए हिंदी के महत्त्वपूर्ण कवि-कथाकार और पत्रकार। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।
सुपरिचित स्वीडिश लेखक और पत्रकार। अस्तित्ववादी लेखन के लिए उल्लेखनीय।
ऑस्ट्रिया के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार-नाटककार। विश्व के कुछ प्रमुख साहित्यकारों के जीवनीकार के रूप में भी उल्लेखनीय।
ईरान के प्रमुख लेखक, अनुवादक और विचारक। 'द ब्लाइंड आउल' उपन्यास के लिए प्रसिद्ध।
सुप्रसिद्ध जर्मन उपन्यासकार, कथाकार और नाटककार। उनकी कृतियों पर बहुत-सी फ़िल्में बनी हैं।
द्विवेदीयुगीन कवि। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में समादृत।