आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tripthaga bhagvati charan verma ebooks"
Pad के संबंधित परिणाम "tripthaga bhagvati charan verma ebooks"
चरन कमल बंदौं जगदीस
चरन कमल बंदौं जगदीस के जे गोधन संग धाये।जे पद कमल धूरि लपटाने कर गहि गोपिन उर लाये॥
परमानंद दास
लाल! तुम कैसे चराईं गाइ
लाल! तुम कैसे चराईं गाइ।ग्वालन संग छैया में बैठे, कौन विपिन में जाइ॥
गोस्वामी हरिराय
धनि धनि वृंदावन वासी
अष्ट महासिद्धि द्वारें ठाढ़ी मुकुति चरन की दासी।परमानंद चरन कमल भजि सुंदर घोष निवासी॥
परमानंद दास
पौढ़ी पिय संग वृषभानु कुमारी
छीतस्वामी
गोबिंद गोबिंद गोबिंद संगि
बुनना तनना तिआगिकैं, प्रीति चरन कबीरा।नीचा कुला जोलाहरा भइंउ गुनीय गहीरा॥
धन्ना भगत
नंद कों लाल, ब्रज पालनैं झूलैं
चरन-अंगूठा मुख किलक-किलक कूलैं।नैननि अंजन सुरेख, भेष अभिराम सुचि,
नंददास
ललित लाल श्रीगोपाल सोइए
नंदकुमार उठे विहंस कृपादृष्टि सब पे बरखयुगल चरन कमल पर परमानंद बारे॥