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पाँचवें पैगम्बर!

panchawen paigambar!

भारतेंदु हरिश्चंद्र

भारतेंदु हरिश्चंद्र

पाँचवें पैगम्बर!

भारतेंदु हरिश्चंद्र

और अधिकभारतेंदु हरिश्चंद्र

    लोगों दौड़ो, मैं पाँचवाँ पैगम्बर हूँ, दाऊ, ईसा, मूसा, मुहम्मद—ये चार हो चुके, मेरा नाम चूसा पैगम्बर है, मैं विधवा के गर्भ से जन्मा हूँ और ईश्वर अर्थात् खुदा की ओर से तुम्हारे पास आया हूँ। इस्से मुझपर ईमान लाओ, नहीं तो ईश्वर के कोप में पड़ोगे।।

    मुझको पृथ्वी पर आए बहुत दिन हुए पर अब तक भगवान का हुक्म नही था, इस्से मैं कुछ नही बोला! बोलना क्या बल्कि जानवर बना घात लगाए फिरता था और मेरा नाम लोगो ने हूश, बंदर, लंका की सेना और म्लेच्छ रक्खा था पर अब मैं उन्हीं लोगों का गुरु हूँ क्यौं कि ईश्वर की आज्ञा ऐसी है, इस्से लोगों ईमान लाओ।।

    जैसे मुहम्मदादि के अनेक नाम थे, वैसे ही मेरे भी तीन नाम हैं! मुख्य चूसा पैगम्बर, दूसरा डबल और तीसरा सुफैद और पूरा नाम मेरा श्रीमान् आनरेबल हज़रत डबल सुफैद चूसा अलैहुस्सलाम पैगम्बर आखिर कुल जमा है।।

    मुझको कोह चूर पर खुदा ने जल्वा दिखलाया और हुक्म दिया कि मैंने पैगम्बर किया तुझको, तू लोगों को ईमान में ला।  दाऊद ने बेला बजा के मुझे पाया, तू हारमोनियम बजावैगा, मूसा ने मेरी खुदाई रौशनी से कोहतूर जलाया, तू आप अपनी रौशनी से जमाने को जला कर काला करैगा, ईसा मर के जिया था तू मरा हुआ जीता रहैगा, मुहम्मद ने चाँद को बीच से काटा तू चाँद का कलंक मिटा अपनी टीका बनावैगा। 

    (खुदा कहता है) देख मूर्तिपूजन अर्थात् बुत परस्ती को जमाने से उठा देना क्यौंकि मैंने हाफ सिविलाइज्ड किया दुनियां को पूरा तुझ को, जो शराब सब पैगम्बरों पर हराम थी मैंने हलाहल किया तेरे पर, बल्कि तेरे मज़हब की निशानी है जो तेरे आसमान पर आने के बाद रूए ज़मीन पर कायम रहैगी क्यौंकि यद्यपि ‘‘तेरा राज्य सर्व्वदा न रहैगा पर यह मत यहाँ सर्व्वदा दृढ़ रहैगा।।’’

    (खुदा कहता है) मैंने हलाल किया तुझ पर गऊ, सूअर, मेढ़क, कुत्ता वगैरह सब जानवर जो कि हराम हैं, मैंने हलाल किया तुझ पर, अपने मज़हब के वास्ते झूठ बोलना, और हुकुम दिया तुझ को औरतों की इज्ज़त करने, और उनको अपने बराबर हिस्सा देने की, बल्कि यारों के संग जाने की, और सिवाय पब्लिक प्लेसों के कोहे चूर पर जहाँ मैंने जलवा दिखाया तुझ को तीन आरामगाह फ़रिश्तों से बनवा कर तुझे बख्शी और तुझ पर हलाल की जिन तीनों का नाम कुर्सी, झुर्सी और दगली है।।

    (खुदा कहता है) देख, खबरदार, मुँह वगैरह किसी बदन को साफ़ न रखना नहीं तो तुझे शैतान बहका देंगे, लिबास सियाह हमेश: पहिरना और मेरी याद में सिर खुला रखना।।

    मैं खुदा के इन हुक्मों को मानकर तुम्हारे पास आया हूँ, मेरा कहा मानो और ईमान लाओ। मैं खुदा का प्यारा पुत्र, माषूक, जोरू, नायक नही हूँ बल्कि खुदा का दूसरा हूँ। यह इज्ज़त किसी पैगम्बर को नही मिली थी।।

    लोगों! मेरा कहा मानो, खुदा मुझसे डरता है क्यौंकि मैं प्रच्छन्न नास्तिक हूँ पर पैगम्बरिन के डर से आस्तिक हो गया हूँ। इस्से खुदा को हमेश: हमारी दलीलों से अपने उड़ जाने का डर रहता है तो जब खुदा मुझसे डरता है तब उसके बन्दों तुम मुझसे बहुत ही डरो।।
    मेरे प्यारे अंगरेजों! तुम खौफ मत करो, मैं तुमको सब गुनाह से बरी कराऊँगा क्यौंकि नाशिनैलिटी बड़ी चीज़ है। पैगम्बरिन और तुम्हारा रंग एक है, इस्से मैं तुम्हारे पापों को छिपा दूँगा।।

    प्यारे मुसलमानों! मैं कुछ तुमसे डरता हूँ क्यौंकि तुमको मार डालने में देर नही लगती, इस्से मैं तुम्हारी बेहतरी के वास्ते अपनी धर्म पुस्तक में लिख जाऊँगा कि हमारे सक्सेसर लोग तुम्हारी खातिर करैं, तुम्हारे न पढ़ने पर अफसोस करैं और तुम्हारे वास्ते स्कूल और कालेज बनावैं।।

    मगर मेरे मेमने हिन्दूओं! तुमको मैं सब प्रकार से नीच समझूँगा क्यौंकि यह वह देश है जो ईश्वर के क्रोध रूपी अग्नि से जल रहा है और जलैगा और ईश्वर के कोप से तुम्हारा नाम जीते हुए, हाफ सिविलाइज्ड, रूड, काफ़िर बुतपरस्त, अँधेरे में पड़े हुए, बारबरस, वाज़िबुल कत्ल होगा। 

    देखो हम भविष्य बानी कहते हैं, तुम रोते और सिर टकराते भागते-भागते फिरोगे, बुद्धि सीखते ही नहीं, बल नाश हो चुका है, एक केवल धन बचा है सो भी सब निकल जायगा, यहाँ महँगी पड़ेगी, पानी न बरसैगा, हैजा डैंगू वगैरह नए-नए रोग फैलेंगे, परस्पर का द्वेष और निंदा करना तुम्हारा स्वभाव हो जायगा, आलस छा जायगी, तब तुम उसके कोप अग्नि से जल के खाक के सिवा कुछ न बचोगे। 

    पर प्यारों! जो मुझ सच्चे पैगम्बर पर ईमान लावेगा वह छुड़ाया जायगा क्यौंकि मैं खुशामद पसंद और घूस लेने वाला जाहिरा नही हूँ, मैं ईश्वर का सच्चा पैगम्बर और दुनियां का सच्चा बादशाह हूँ, क्यौंकि सूरज को खुदा ने रौशनी मेरे लिए इनायत की,चाँद में ठंडक सिर्फ मेरे लिए बख्शी गई और ज़मीन आसमान मेरे लिए पैदा किया, बल्कि फरिश्ते भी मेरे लिए बनाए गए।  

    ईश्वर लाओ मुझ पर, डाली चढाओ मुझको, जूता उतार के आओ मेरी मजारेपाक पर, पगड़ी पहन कर आओ मेरे मकबरे में, इनाम दो इनको और धक्का खाऊँ उनका जो मेरे मुज़ाबिर हैं क्यौंकि वे मूजिव होंगे तुम्हारी नज़ात के, और जो कुछ मैं कहूँ उसे सुनकर हुजूर साहब बहुत ठीक फरमाते हैं, बजा इरशाद, बेशक, ठीक है, सत्त वचन, जो आज्ञा, जे आज्ञा, जो आज्ञा, इसमें क्या शक, ऐसा ही है, मेरे मालिक, मेरे बाबाजान सब सच फरमाते हौ—क्यौंकि जो मैं कहता हूँ, वह ईश्वर कहता है; और मेरे अनादरों को सहो। अगर मेरी दरगाह में तुम्है गरदनिया दी जाय तो उसकी कुछ लाज मत करो, फिर घुसो क्यौंकि मेरी दरगाह से निकलना दुनियां से निकल जाना है। 

    देखो शराब पियो, विधवा विवाह करो, बालपाठशाला करो, आगे से लेने जावो, बाल्यविवाह उठाओ, जातिभेद मिटाओ, कुलीन का कुल सत्यानाश में मिलाओ, हौटल में लव करना सीखो, स्पीच दो, क्रिकेट खेलो, शादी में खर्च कम करो, मेमबर बनो, मेम्बर बनो, दरबारदारी बनो, पूजा पत्री करो, चुस्त चलाक बनो, हम नहीं जानते को हम नही जानता कहो, चक्कर दार टोपी पहिनो, वासिर खुला रक्खो पर पौशाक सब तंग रक्खो, नाचवाल थियेटर अटा गुडगुड बंक डिवी सिवी में घरों में लाओ, क्यौंकि ये काम मूजिब होंगे खुदा और मेरी ख़ुशी को। 

    शराब पियो, कुछ शंका मत करो, देखो मैं पीता हूँ क्यौंकि यह खुदा का खून है जो उसने मुझे पिलाया और मैंने दुनियां को और यह उसके दोनों बादशाहत की निशानी है जो बाद मेरे बहुत दिन तक कायम रहैगी क्यौंकि उसने हुक्म दिया है कि औरों की तरह तू मकान बहुत पक्का न बनवाना क्यौंकि दुनिया खुद नापायदार है, मगर मेरे खून के बोतलों के टुकड़े जो कि (खुदा कहता है) मेरी हड्डियाँ हैं, बहुत दिनों तक न गलैंगी और मेरे सच्चे राज की निशानी कायम रहेगी। 

    देखो मेरा नाम चूसा है क्यौंकि मैं सब का पापरूपी पैसा चूस लेता हूँ क्यौंकि खुदा ने फ़रमाया है कि मेरे बन्दे पैसा के बहकाने से गुनाह करते हैं, अगर उनके पास पैसा न रहै तो खुदा गुनाह न करे, इस्से तू सब से पहिले इनका पैसा चूस ले। 

    मेरा दूसरा नाम डबल है क्यौंकि डबल हिंदी में पैसे को कहते हैं और अंगरेजी में दूने को और पच्छिम में उस बरतन को जिस्से घी वा अनाज निकाला जाता है और मेरा तीसरा नाम सुफैद है क्यौंकि मैं रौशनी बख्शने वाला हूँ और दिल मेरा साफ चिट्टा है चमकीली चीनी की जात है और चमड़ा मेरा गोरा है  और भी मैं सफेद करूँगा लोगों को अपने दीन की चाँदनी से इनलाइटेंड करके। 

    मेरे पहाड़ का नाम कोहे चूर है क्यौंकि मैं सबके पापी दिलों को और पापों को तथा प्रैज़ुडिसों को लोगो के बल और धन को चूर करूँगा, और मेरी पहली आरामगाह कुर्सी है क्यौंकि अब वहाँ की आबहवा साफ होकर बेवकूफी की शिकायत रफ़ा हो गई और दूसरी झुर्सी है जहाँ जलती आग पर मेरे पैगम्बर के सिवा दूसरा नही बैठ सकता और तीसरी दगली है, उसमें चारों ओर दगल भरा है और बीच में मेरा सिंहासन है। 

    जहाँ पर खुदा ने हलाल किया है शराब, बीफ, मटन, बग्गी, दगल, फसल, नैशानीलटी, लालटैन, कोट, बूट, छड़ी, जेबीघड़ी, रेतधुआकस, विधवा, कुमारी, परकीया, चाबुक, सड़ी मछली, सड़ी पनीर, सड़े अचार, मुहँ की बू, अधोभाग के केश, बिना पानी के मल धोना, रूमाल, मौसी, मामी, बुआ, चाची मै अपनी बेटी पोतियों के, कजिन ,फ्रेंड लेपालट की बहू, खानसामा खानसामिन, हुक्का, थुक्का, लुक्का, बुक्का, और आज़ादी को, और हराम किया बुतपरस्ती, बेईमानी, सच  बोलना, इंसाफ करना, धोंती पहरना, तिलक लगाना, कंठी पहरना, नहाना, दतुअन करना, स्वच्छंद होना, उदार होना, निर्भय होना, कथा पुराण, जातिभेद, बाल्यविवाह, भाई वा माँ वा पिता के साथ रहना, मूर्तिपूजन तथा आर्थोडाक्स की सुहबत, सच्ची प्रीत, परस्पर उपकार, आपस का मेल, बुरी बातैं, धातैं, फातैं, छातैं और प्रेजुडिस को। 

    लोगों! दौड़ो, ईमान लाओ मुझ पर, देखो पीछे पछताओगे और हाथ मलते रह जाओगे। मैं ईश्वर का प्यारा दूसरा और पाँचवां पैगम्बर केवल तुम्हारे उद्धार के वास्ते पृथ्वी पर आया हूँ। ईमान लाओ मुझपर, हुक्म मानो मेरा, मेरा दाहिना हाथ जो तुम लोगों के सामने उठा है खुदा हाथ का हाथ है, इस को सिजदा करो, झुको, अदब करो, ईमान लाओ और इस शराब को खून समझकर पिओ पिओ पिओ।।

    स्रोत :
    • पुस्तक : भारतेन्दुकालीन व्यंग परम्परा (पृष्ठ 49)
    • संपादक : ब्रजेंद्रनाथ पांडेय
    • रचनाकार : भारतेंदु हरिश्चंद्र
    • प्रकाशन : कल्याणदास एंड ब्रदर्स
    • संस्करण : 1956

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