गहने के गढ़े तें सोनो भी जातु है
gahne ke gaDhe te.n sono bhii jaatu hai
गहने के गढ़े तें सोनो भी जातु है,
सोनो बीच गहनो और गहनो बीच सोन है॥
भीतर भी सोनो और बाहर भी सोन दीसै,
सोने तो अचल अंत गहनो को मीच है॥
सोन को तो जानि लीजै गहनो बरबाद कीजै,
यारी एक सोनो ता में ऊँच कवन नीच है॥
- पुस्तक : यारी साहब की रत्नावली (पृष्ठ 13)
- रचनाकार : यारी साहब
- प्रकाशन : बेलवेडियर प्रेस, प्रयाग
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