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तहा मन भयो रे अडोल

taha man bhayo re aDol

बखना

बखना

तहा मन भयो रे अडोल

बखना

और अधिकबखना

    तहा मन भयो रे अडोल।

    म्हारे मन बसियो रे, गुर म्हारा को बोल॥टेर॥

    थिति मांहै थिति पाई, आगम थी सो गुरि बताई।

    तहां लागो मन लाई, तहां उपजै नहीं और काई॥

    चंचल था सो निह्चल कीया, जाइ था सो फेरि लीया।

    ऐसा गुरि उपदेस दीया, तिहि आलंबन लागि जीया॥

    सबद मांहि सतोष पाया, मन था सो तहां लाया।

    कह्या सो हाथि आया, राम रमि सहजि समाया॥

    जहां गुरि थापना थापी, जप करै जहां पंच जापी।

    प्रगट्यों तहां आप आपी, निरखि 'बखना' सकल व्यापी॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : बखना जी और उनकी बाणी (पृष्ठ 176)
    • संपादक : मंगलदास स्वामी
    • रचनाकार : बखना
    • प्रकाशन : श्री लक्ष्मीराम ट्रस्ट, जयपुर
    • संस्करण : 1937
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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