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हम तो आतम पूजा धारी

hum to aatam puja dhari

चरनदास

चरनदास

हम तो आतम पूजा धारी

चरनदास

और अधिकचरनदास

    हम तो आतम पूजा धारी।

    समझि समझ कर निस्चय कीन्ही, और सबन पर भारी॥

    और देवल जहँ धुँधली पूजा, देवल दृष्टि आवै।

    हमरा देवत परगट दीखै बोलै चालै खावै॥

    जित देखौं तित ठाकुर द्वारे करों जहाँ नित सेवा।

    पूजा की विधि नीके जानों, जासूँ परसन देवा॥

    करि सन्मान अस्नान कराऊँ, चंदन नेह लखाऊँ।

    मीठे बचन पुष्प सोइ जानो ह्वै करि दीन चढ़ाऊँ॥

    परसन करि करि दरसन पाऊँ बार-बार बलि जाऊँ।

    चरदनास सुखदेव बतावैं, आठ पहर सुख पाऊँ॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : हिंदी के जनपद संत (पृष्ठ 182)
    • रचनाकार : चरनदास
    • प्रकाशन : मोेतीलाल बनारसी, दिल्ली
    • संस्करण : 1963
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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