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गुरु प्यारे चरन रचना की जान

guru pyare charan rachna ki jaan

संत सालिगराम

संत सालिगराम

गुरु प्यारे चरन रचना की जान

संत सालिगराम

और अधिकसंत सालिगराम

    गुरु प्यारे चरन रचना की जान।

    आदि धार चेतन जो निकसी, उसने रची सब रचना आन॥

    वही धार गुरु चरन पिछानो, वही पिंड ब्रह्मांड समान।

    उसी धार का सकल पसारा, वोही धुन नाम कहान॥

    जुगती ले गुरु से सुर्त अपनी, उसी धार को पकड़ चढ़ान।

    राधास्वामी मेहर करें जब अपनी, निज स्वरूप बट में दरसान॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : संत काव्य-धारा (पृष्ठ 356)
    • संपादक : परशुराम चतुर्वेदी
    • रचनाकार : संत सालिगराम
    • प्रकाशन : किताब महहल, इलाहाबाद
    • संस्करण : 1981

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