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देख पंडिता रहि देखि सारं

dekh panDita rahi dekhi saran

गोरखनाथ

गोरखनाथ

देख पंडिता रहि देखि सारं

गोरखनाथ

और अधिकगोरखनाथ

    पढि देख पंडिता रहि देखि सारं, अपणी करणी उतरिबा पारं।

    बदंत गोरखनाथ कहि धूं साखी, घटि घटि दीपक पसु आँखी॥

    हे पंडित! तूने जो ज्ञान (सारं) पढ़ा उसे अनुभव (रहि) करके देख। कोई भी अपने कर्मों से ही भवसागर पार उतर सकता है। गोरख कहता है कि मैं साखी (उपदेश) कह रहा हूँ कि शरीर में ब्रह्म है, परंतु मूढ़ जीव (पसु) उसे पहचान नहीं पाता।

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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