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अभरा था ते सूभर भरिया

abhra tha te subhar bhariya

गोरखनाथ

गोरखनाथ

अभरा था ते सूभर भरिया

गोरखनाथ

और अधिकगोरखनाथ

    अभरा था ते सूभर भरिया, नीझर झरता रहिया।

    खाँडे थैं खुरसाण दुहेला, यूँ सतगुर मारग कहिया॥

    जब चंद्रामृत (नीझर) झरने लगा तो साधक का खाली (अभरा) मन आनंद से पूरी तरह भर गया। सच्चे गुरु ने बताया कि यह मार्ग अत्यंत कठिन है, सान पर तेज़ किए गए, तलवार से भी कठोर छुरे के समान है।

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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