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उद्धरण

उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।

1911 -1984

मशहूर उर्दू शायर, लेखक, संपादक और ट्रेड यूनियन नेता। नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित।

1921 -1977

समादृत कथाकार। कुछ कविताएँ भी लिखीं। समाजवादी और आंचलिक संवेदना के लिए उल्लेखनीय। पद्मश्री से सम्मानित।

1844 -1900

विश्वप्रसिद्ध जर्मन दार्शनिक, भाषा विज्ञानी, कवि, सांस्कृतिक आलोचक और संगीतकार।

1883 -1924

बीसवीं सदी के सबसे प्रभावशाली लेखकों में से एक। अलगाव, अस्तित्वगत भय, अपराध-बोध और निरर्थकता जैसे विषय-वस्तु पर लेखन के लिए चिह्नित।