संस्मरण
कथेतर गद्य की प्रमुख विधाओं में से एक संस्मरण अतीत की घटनाओं के साहित्यिक शब्दांकन की विधा है। स्मृति, आत्मीय संबंध, वैयक्तिकता, प्रामाणिकता, चित्रात्मकता, कथात्मकता, स्वयं के प्रति तटस्थता आदि इसकी कुछ प्रमुख प्रवृत्तियाँ स्वीकार की जाती हैं। हिंदी में संस्मरण-साहित्य का आरंभ द्विवेदी युग से हुआ जो छायावाद युग तक पहुँचकर पर्याप्त प्रौढ़ हो चला और साहित्यिक विधा के रूप में इसकी प्रतिष्ठा बढ़ी।
दिनेश कुशवाह
सुपरिचित कवि और गद्यकार। 'इसी काया में मोक्ष' और 'इतिहास में अभागे' शीर्षक दो कविता-संग्रह प्रकाशित।