उद्धरण
उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।
हजारीप्रसाद द्विवेदी
समादृत समालोचक, निबंधकार, उपन्यासकार और साहित्य-इतिहासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
हेनरी मातीस
हेनरी मातीस (31 दिसम्बर 1869 - 3 नवंबर 1954) संसार प्रसिद्ध एक फ्रांसीसी कलाकार थे। वे रंग, तरल पदार्थों के प्रयोगों और अपनी सुंदरतम चित्रकला के लिए विख्यात थे। वह एक ड्राफ्ट्समैन, प्रिंटमेकर और मूर्तिकार थे, लेकिन मुख्य रूप से एक चित्रकार के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दशकों में दृश्य कला में क्रांतिकारी विकास को परिभाषित करने में मदद की, चित्रकला और मूर्तिकला में महत्वपूर्ण विकास के लिए जिम्मेदार थे।
हरिशंकर परसाई
समादृत लेखक-व्यंग्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
होर्खे लुई बोर्खेस
वि-लेखक- विचारक होर्खे लुई बोर्खेस स्पेनिश भाषा के महानतम लेखकों में शुमार।पिछली शताब्दी के तीसरे दशक में स्पानी-लातिनी अमरीकी कविता में अवाँगार्द-आन्दोलन के एक प्रेरक कवि।