Font by Mehr Nastaliq Web

पत्र

पत्र पढ़िए हिंदी के श्रेष्ठ और लोकप्रिय पत्र वे कथ्य, वे बातें, वे भावनाएँ और वे विचार जिन्हें प्राय: किसी को व्यक्तिगत रूप से प्रेषित-संप्रेषित किया जाता है; हम ‘पत्र’ कहते हैं। ‘पत्र’ बहुत प्राचीन हैं—वृक्षों और उनके पत्तों (पत्रों) जितने प्राचीन। उन्हें लिखने और भेजने के माध्यम समय के साथ-साथ बदलते रहे हैं। उन्हें पढ़ने और पाने का समय भी समय-समय पर परिवर्तित होता रहा है। आज के आधुनिक दौर में वे तत्काल भेजे, पाए और पढ़े जा सकते हैं। ‘पत्र’ कभी-कभी सार्वजनिक तौर पर भी लिखे जाते हैं। इस प्रकार के पत्रों को ‘खुला पत्र’ कहते हैं। साहित्य और अभिव्यक्ति के इलाक़े में ‘पत्र’ विधा बहुत सशक्त, प्रतिष्ठित और लोकप्रिय है।

समादृत उपन्यासकार-कथाकार। पटकथा-लेखन में भी योगदान। साहित्य अकादेमी-पुरस्कार से सम्मानित।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और कथाकार। अपने जनवादी विचारों के लिए प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

स्वतंत्रता आंदोलन के सर्वोच्च नेताओं में से एक। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री। भारत के संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक स्वरूप के वास्तुकार। 'दी डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया' जैसी कृति के रचनाकार।

समादृत कवि-कथाकार और अनुवादक। ‘धर्मयुग’ साप्ताहिक के संपादक के रूप में भी चर्चित।

अत्यंत समादृत भारतीय लेखक। हिंदी आलोचना के शीर्षस्थ आलोचक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी कहानी के पितामह और उपन्यास-सम्राट के रूप में समादृत। हिंदी साहित्य में आदर्शोन्मुख-यथार्थवाद के प्रणेता।

नई कहानी दौर के प्रसिद्ध कथाकार। नाट्य-लेखन के लिए भी प्रख्यात। संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित।

समादृत बहुविद कवि-साहित्यकार-चित्रकार-दार्शनिक और समाज-सुधारक। राष्ट्रीय गान के रचयिता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत आलोचक। अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार। महाप्राण नाम से विख्यात।

‘मधुशाला’ के लिए मशहूर समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

Rekhta Gujarati Utsav I Vadodara - 5th Jan 25 I Mumbai - 11th Jan 25 I Bhavnagar - 19th Jan 25

Register for free