स्वप्निल श्रीवास्तव का परिचय
उपनाम : 'स्वप्निल श्रीवास्तव'
मूल नाम : स्वप्निल श्रीवास्तव
जन्म : 05/10/1954 | फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश
नवें दशक के प्रमुख कवियों में से एक स्वप्निल श्रीवास्तव का जन्म 5 अक्टूबर 1954 को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर के मेहनौना ग्राम में हुआ। बचपन से ही तुकबंदियाँ करने लगे थे, लेकिन गंभीर रूप से लेखन का आरंभ 1975 के बाद किया। वह राजनीतिक परिवर्तन का युग था जहाँ आलोकधन्वा, वीरेन डंगवाल, मंगलेश डबराल, ज्ञानेंद्रपति सरीखे कवि विशेष सक्रिय थे तो राजेश जोशी और उदय प्रकाश का नवोदित कवि के रूप में उदय हो रहा था। इसी दौर में नागार्जुन, त्रिलोचन और शमशेर नए सिरे से रेखांकित किए जा रहे थे।
‘ईश्वर एक लाठी है’ (1982), ‘ताख पर दियासलाई’ (1992), ‘मुझे दूसरी पृथ्वी चाहिए’ (2004), ‘ज़िंदगी का मुक़दमा’ (2010) और ‘जब तक है जीवन’ (2014) उनके पाँच काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं। अपने जो अनुभव कविताओं में व्यक्त नहीं कर सके, उनके लिए कहानी और संस्मरण विधा का चयन किया। इस क्रम में उनके दो कहानी-संग्रह ‘एक पवित्र नगर की दास्तान’ और ‘स्तूप और महावत’ शीर्षक से प्रकाशित हुए। उनका संस्मरण ‘जैसा मैंने जीवन देखा’ शीर्षक से प्रकाशित है। इसके अलावे यदा-कदा किताबों की समीक्षा भी की है।
उन्हें भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, फ़िराक़ सम्मान और केदार सम्मान के साथ ही रूस के अंतर्राष्ट्रीय पुश्किन सम्मान से पुरस्कृत किया गया है।