सुंदर चंद ठाकुर का परिचय
सुपरिचित कवि-लेखक और संपादक सुंदर चंद ठाकुर का जन्म 11 अगस्त 1968 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में हुआ। विज्ञान में स्नातक के बाद वह 1992 में भारतीय सेना में कमीशन-अधिकारी के रूप में शामिल हुए और इस दौरान सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के सदस्य के रूप में भी सेवा दी। पाँच वर्षों की सैन्य-सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर साहित्य और पत्रकारिता में सक्रिय हुए और संप्रति नवभारत टाइम्स, मुंबई के स्थानीय संपादक के रूप में कार्यरत हैं।
प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानी, लेख, समीक्षा, अनुवाद आदि के प्रकाशन के साथ उनका पहला काव्य-संग्रह ‘किसी रंग की छाया’ 2001 में प्रकाशित हुआ। कविताओं में अपने विशिष्ट स्वर के लिए आरंभ से ही चिह्नित किए गए और इस क्रम में भारतीय भाषा परिषद युवा पुरस्कार (2001) और भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार (2003) से सम्मानित किए गए। उनका दूसरा काव्य-संग्रह ‘एक दुनिया है असंख्य’ 2008 में प्रकाशित हुआ। संग्रह की भूमिका में मंगलेश डबराल ने उनके सरोकारों को मुक्तिबोध शैली के ज्ञानात्मक संवेदन तक विस्तृत होता दर्ज किया है। जर्मन, बांग्ला, मराठी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं में उनकी कविताओं के अनुवाद हुए हैं। उनका एक उपन्यास ‘पत्थर पर दूब’ भी प्रकाशित है। इसके अतिरिक्त वह अख़बार के लिए स्तंभ लेखन भी करते हैं।