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सुपरिचित कवयित्री। कथा-लेखन और अनुवाद-कार्य में भी सक्रिय।

सुपरिचित कवयित्री। कथा-लेखन और अनुवाद-कार्य में भी सक्रिय।

सुलोचना का परिचय

मूल नाम : सुलोचना

जन्म : 03/10/1978 | जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल

सुलोचना वर्मा का जन्म 3 अक्टूबर 1978 को जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल में हुआ। वह कंप्यूटर अभियांत्रिकी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के साथ एक दूरसंचार कम्पनी में वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। 
बचपन से ही साहित्य पढ़ने में विशेष अभिरुचि रही। स्कूल के दिनों में रबीन्द्रनाथ, शरतचंद्र, अमृता प्रीतम, तसलीमा, खुशवंत सिंह आदि लेखकों को पढ़कर समाज और दुनियावी समझ विकसित हुई। इस समझ ने विश्लेषणात्मक तर्क करना सिखाया। स्वयं कवयित्री के शब्दों में—‘‘एक अंतर्मुखी क़स्बाई लड़की होने के कारण अपने विचारों को बोलकर समाज से साझा करने की अपेक्षा उसे कविता में कहना आसान लगा—यहीं से लिखने की शुरुआत हुई.’’  
उनकी कविताएँ, कहानियाँ और लेख कथादेश, शुक्रवार, सदानीरा, नया ज्ञानोदय सहित हिंदी और बांग्ला की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं  में प्रकाशित हुए हैं। वह नवभारत टाइम्स के “एकदा” स्तंभ के लिए भी लेखन करती हैं। 
उनका एक कहानी-संग्रह ‘अंधेरे में जगमग’ शीर्षक से नेशनल बुक ट्रस्ट के महिला प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रकाशित हुआ है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बांग्ला (रबीन्द्रनाथ टैगोर, क़ाज़ी नज़रूल इस्लाम, लालन फ़कीर, तस्लीमा नसरीन, रूद्र मोहम्मद शहीदुल्लाह, शंख घोष, सुनील गंगोपाध्याय, पूर्णेंदु पत्री, मलय राय चौधुरी, बिप्लब चौधुरी आदि) और अँग्रेज़ी (अमिय चटर्जी) की कई कविताओं का हिंदी में अनुवाद किया है.
पढ़ने लिखने के अतिरिक्त छायाचित्रण और चित्रकारी में रुचि रखती हैं और संगीत को जीवन का अभिन्न अंग मानती हैं।  

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