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विवेक और विचार से संपन्न हिंदी के दुर्लभ कवि-गद्यकार।

विवेक और विचार से संपन्न हिंदी के दुर्लभ कवि-गद्यकार।

सोमप्रभ का परिचय

उपनाम : 'सोमप्रभ'

जन्म : 16/06/1981 | बलरामपुर, उत्तर प्रदेश

सोमप्रभ को विवेक और विचार से संपन्न नई पीढ़ी के दुर्लभ कवि-गद्यकार के रूप में देखा जा रहा है। उनके पास एक कवि-मन है। उनके जीवन, व्यवहार और गद्य में यह जाहिर है। वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़े हैं और जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई अधूरी छोड़ चुके हैं। शहरी व्यावहारिकताएँ और कपटताएँ उन्हें रास नहीं आई हैं। इस वजह वह अपनी ग्रामीण स्थानीयता में अपनी मूल मानवीय संवेदना और सच्चाई के साथ लौट चुके हैं। वह गहरे अध्यवसायी और भ्रमणशील हैं। सिनेमा के जानकार हैं और फ़ोटोग्राफ़ी करना भी पसंद करते हैं।

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