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श्याम परमार

1924 | शाजापुर, मध्य प्रदेश

'अकविता' आंदोलन के संदर्भ में सर्वाधिक चर्चित कवि-आलोचक। अब पर्याप्त अलक्षित।

'अकविता' आंदोलन के संदर्भ में सर्वाधिक चर्चित कवि-आलोचक। अब पर्याप्त अलक्षित।

श्याम परमार का परिचय

मूल नाम : श्याम परमार

जन्म : 17/11/1924 | शाजापुर, मध्य प्रदेश

श्याम परमार ‘अकविता’ के संबंद्ध तथा ‘प्रारंभ’ के एक कवि के रूप में स्वीकृत हैं। लेकिन वह अब अकविता-आंदोलन के बहुत सारे कवियों-लेखकों की तरह ही समकालीन कविता-विमर्श से बाहर हैं। इस स्पेस पर न उनकी कविताएँ उपलब्ध हैं, न परिचय, न तस्वीर, न उपस्थिति-अनुपस्थिति के तथ्य। हम यहाँ इस प्रस्तुति में उनकी कुछ कविताएँ और तत्कालीन परिचय ही उपलब्ध करा पा रहे हैं। इस संदर्भ पर अगर कविता-प्रेमी पाठक और शोधार्थी हमें जानकारी उपलब्ध करवाते हैं, तब हम इस प्रस्तुति को साभार अद्यतन कर सकेंगे। फ़िलहाल के लिए परिचय :         

शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. 

हिंदी के प्राध्यापक, राजकीय महाविद्यालय, महू (मध्य प्रदेश); तत्पश्चात् आकाशवाणी भोपाल और इंदौर केंद्रों पर कार्यक्रम-निर्देशक रहे। आकाशवाणी के महानिदेशालय (नई दिल्ली) में लोक-संगीत-विशिष्ट अधिकारी। 

कृतियाँ : ‘अकविता और कला-संदर्भ’ (आलोचना), ‘भारतीय लोक-साहित्य’, ‘लोक-धर्मी नाट्य-परंपरा’ और लोक-साहित्य विषयक अनेक पुस्तकें । ‘मोर झाल’ (उपन्यास), ‘जस्मिन ऑफ़ दि ब्लैक सॉइल' (अँग्रेज़ी) तथा ‘हिंदी-साहित्य का बृहत् इतिहास’ (सोलहवाँ भाग) एवं ‘हिंदी-साहित्य कोश’ के सहयोगी। 

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