सौरभ राय का परिचय
बोकारो, झारखंड में जन्मे सौरभ राय हिंदी की नई नस्ल से वाबस्ता कवि-लेखक और अनुवादक हैं। वह अँग्रेज़ी में भी लेखन करते हैं और साहित्यिक पत्रकारिता से संबद्ध रहे हैं। वह संप्रति शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन और निफ्ट, बेंगलुरु के साथ कार्य किया है।
‘यायावर’, ‘उत्तिष्ठ भारत’ और ‘अनभ्र रात्रि की अनुपमा’ उनके तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं। उन्होंने बेंगलुरु के तीस समकालीन कवियों की कविताओं का संकलन ‘कर्णकविता’ शीर्षक से किया है। कविताओं के अतिरिक्त उनकी रुचि नाटक और अनुवाद में रही है और इस क्रम में ‘अभिषेक मजुमदार: तीन नाटक’ का संपादन किया है जबकि अनुवाद की एक कृति ‘होवार्ड ज़िन: सोहो में मार्क्स’ शीर्षक से प्रकाशित है। उन्होंने जापानी हाइकू का अनुवाद ‘ओस की पृथ्वी’ शीर्षक से प्रकाशित किया है।