रीतिकाल के आचार्य कवि। साहित्यमर्मज्ञ, भावुक और अपूर्व
काव्य कौशल में प्रवीण। इनकी भाषा में न कहीं कृत्रिम आडंबर है, न गति का शैथिल्य और न शब्दों की तोड़ मरोड़।
रीतिकाल के आचार्य कवि। साहित्यमर्मज्ञ, भावुक और अपूर्व
काव्य कौशल में प्रवीण। इनकी भाषा में न कहीं कृत्रिम आडंबर है, न गति का शैथिल्य और न शब्दों की तोड़ मरोड़।