लेखक, कवि, वरिष्ठ पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता। लंबे समय तक पत्रकारिता करते हुए लगभग सभी राष्ट्रीय अखबारों में काम किया। नवभारत टाइम्स से शुरुआत। लाडली मीडिया अवॉर्ड मिला सर्वश्रेष्ठ हिंदी पत्रकारिता के लिए। मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम के मामले को लेकर लंबी लड़ाई : अदालत से लेकर सड़कों तक। इस मामले लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। अपराधियों को उस आधार पर सजा हुई। कविता की दो किताबें वाणी प्रकाशन से प्रकाशित :
'ज़ख़्म जितने थे' और 'प्रेम में डर'। संस्मरण-पुस्तक 'पटना डायरी' के नाम से प्रकाशित। एक कहानी-संग्रह 'अब के बसंत' प्रलेक प्रकाशन से प्रकाशित।