Font by Mehr Nastaliq Web
Nand Kishore Acharya's Photo'

नंदकिशोर आचार्य

1945 | बीकानेर, राजस्थान

समादृत साहित्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत साहित्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नंदकिशोर आचार्य का परिचय

मूल नाम : नंदकिशोर आचार्य

जन्म : 31/08/1945 | बीकानेर, राजस्थान

नंदकिशोर आचार्य का जन्म 31 अगस्त, 1945 को बीकानेर, राजस्थान में हुआ। उन्होंने अँग्रेज़ी साहित्य और इतिहास में उच्च शिक्षा प्राप्त की और पत्रकार एवं प्राध्यापक के रूप में कार्यरत रहे। इसके समानांतर उनका लेखन भी जारी रहा जहाँ उन्होंने कविता, नाटक, आलोचना, शिक्षा-सभ्यता-संस्कृति विषयक विमर्श और संपादन के क्षेत्र में अपना रचनात्मक योगदान किया है। वह मूलतः एक कवि हैं जिनका कविता-परिसर में प्रवेश ‘चौथा सप्तक के साथ हुआ। 2019 में उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार प्रदान किए जाने के बाद उनके कवि-कर्म और काव्य-गंतव्य पर गंभीर चर्चा के आग्रह की शुरुआत हुई है। 

उनके 12 काव्य-संग्रह, 8 नाटक, 7 आलोचना-कृति और 12 सामाजिक-दर्शन संबंधी पुस्तकें प्रकाशित हैं। हाल के कुछ वर्षों में उनके कई काव्य-संग्रह प्रकाशित हुए हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ब्राडस्की, लोर्का और आधुनिक अरबी कविताओं सहित अनेकों दूसरी भाषाओं की श्रेष्ठ कविताओं के अनुवाद भी किए हैं। वह 'सप्ताहांत', 'चिट्ठी', 'मरुदीप', 'अरुभरू', 'इतवारी पत्रिका', 'राजस्थान पत्रिका' आदि के संपादन से संबद्ध रहे हैं और स्तंभ-लेखन भी किया है। 

प्रमुख कृतियाँ

काव्य-संग्रह : जल है जहाँ, शब्द भूले हुए, वह एक समुद्र था, आती है जैसे मृत्यु, कविता में नहीं है जो, रेत राग, अन्य होते हुए, चाँद आकाश गाता है, उड़ना संभव करता आकाश, गाना चाहता पतझड़, केवल एक पत्ती ने, आकाश भटका हुआ, छीलते हुए अपने को

नाटक-संग्रह : देहांतर, पागलघर, ज़िल्ले सुभानी, ग़ुलाम बादशाह, तथागत

आलोचना : रचना का सच, सर्जक का मन, अनुभव का भव, अज्ञेय की काव्य-तितीर्षा, साहित्य का स्वभाव, साहित्य का अध्यात्म।
 
अन्य : कल्चरल पॉलिटी ऑफ़ हिंदूज़, दि पॉलिटी इन शुक्रिनीतिसार (शोध), संस्कृति का व्याकरण, परंपरा और परिवर्तन, आधुनिक विचार और शिक्षा, मानवाधिकार के तक़ाज़े, संस्कृति की सामाजिकी, सत्याग्रह की संस्कृति, सभ्यता का विकल्प

अनुवाद : सुनते हुए बारिश (जापानी जेन कवि रियोकान), नवमानववाद (एम.एन. राय : न्यू ह्यूमनिज़्म), विज्ञान और दर्शन (एम.एन. राय: साइंस एंड फ़िलॉसॉफ़ी) के अतिरिक्त जोसफ़ ब्रॉदस्की, ब्लादिमिर होलन, लोर्का तथा आधुनिक अरबी कविताओं का भी बड़ी संख्या में हिंदी में अनुवाद।

नंदकिशोर आचार्य को 'मीरा पुरस्कार', 'बिहारी पुरस्कार', 'भुवनेश्वर पुरस्कार', 'संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार', 'सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार’, साहित्य अकादेमी पुरस्कार आदि से सम्मा‍नित किया गया है।

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए