मुनि रामसिंह के उद्धरण

हे योगी! जिस-जिस शिव को देखने के लिए तू तीर्थ से तीर्थ घूमता-फिरता है, वह शिव तो तेरे साथ-साथ घूमता फिरा तो भी तू उसे न पा सका।
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